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इतिहास

योजना आयोग की स्थापना, देश में संस्थानों का प्रभावी दोहन करके, उत्पादन बडा कर समुदाय की सेवा में सभी को रोज़गार के अवसर देकर लोगों के जीवन स्तर में तेजी से सुधार लाने के लिए सरकार के घोषित उद्देश्यों के अनुकरण में भारत सरकार द्बारा मार्च 1950 मे, एक संकल्प द्बारा की गई थी। योजना आयोग को देश के सभी संसाधनों का मूल्यांकन करके, कमी वाले संसाधनों को बढ़के, संसाधनों के सबसे अधिक प्रभावी और संतुलित उपयोग के लिए योजनाए बनाने और प्राथमिकताए निर्धारित करने की जिम्मेदारी सोंपी गई थी। जवाहरलाल नेहरु योजना योजना के प्रथम अध्यक्ष थे।

पहली पंचवर्षीय योजना 1951 में आरम्भ की गई थी और 1965 तक दो और पंचवर्षीय योजनाये बनाई गई! भारत पाकिस्तान युद्घ के कारण बीच में व्यवधान आया! लगातार को वर्ष सूखा रहने, मुद्रा का अवमूल्यन होने, मूल्यों में आम वृद्धि होने और संसाधनों का क्षय होने से योजना बनाने की प्रक्रिया में बाधा आई और 1966 और 1969 के बीच तीन वार्षिक योजनाओं के बाद, चोथी पंचवर्षीय योजना 1969 में आरम्भ हुई!

केंद्र में तेजी से बदलती राजनितिक स्थिति के कारण 1990 में आठवी योजना आरम्भ नहीं की जा सकी और 1990-1991 और 1991-1992 को वार्षिक योजनाए माना गया ! आठवी योजना ढांचागत समायोजन नीतियाँ आरम्भ करने के बाद अन्तत: 1992 में शुरू की गई !

पहली आठ योजनाओ में जोर आधारभूत और भरी उद्योगों में वृहत पूंजी निवेश वाले बढ़ते सरकारी क्षेत्र में दिया गया परन्तु 1997 में नोवीं योजना के आरम्भ होने के बाद से ये जोर कम हो गया और देश में योजना पर वर्तमान विचार यह है कि इसे समानता: बढ़ते हुए सूचक स्वरूप का होना चाहिए !

 

 

 

पूर्व संरचना

  1. अध्यक्ष
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  2. उपाध्यक्ष
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  3. राज्य मंत्री और उपमंत्री
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  4. योजना आयोग के सदस्य
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  5. सदस्य सचिव/योजना आयोग के सचिव
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