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शिक्षा 
योजनाओं के माध्यम से
पंच वर्षीय योजनाएं: >पहली > दूसरी > तीसरी > चौथी > पांचवी > छठी > सातवीं > आठवी > नौवीं > दसवीं > ग्यारहवीं
शिक्षा प्रमाण  में ये कार्य आते हैं:
          - शिक्षा के विभिन्न चरण जैसे       पूर्व-प्राथमिक, औपचारिक और गैर औपचारिक शिक्षा, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक,       विश्वविद्यालय और तकनीकी शिक्षा 
- विशेष क्षेत्र जैसे लड़कियों की       शिक्षा, अनु.जा., अनु.जन.जा. तथा अन्य पिछड़े वर्गों के बच्चों की शिक्षा 
- व्यस्कों की शिक्षा और पिछड़े       क्षेत्रों में शिक्षा 
2. मुख्य  शिक्षा कार्यक्रमों का संबंध सर्व शिक्षा अभियान व्यस्क शिक्षा, शिक्षा के  व्यावसायीकरण, शिक्षक-शिक्षा, विज्ञान शिक्षा, शैक्षिक योजना, प्रशासन और  पर्यवेक्षण, शारीरिक शिक्षा, खेल और खेल-कूद, छात्रवृत्ति, भाषा विकास, पुस्तक  प्रोत्साहन, पुस्तकालयों, युवा सेवा स्कीमों, सांस्कृतिक संस्थानों और गतिविधियों  आदि के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा के वैश्वीकरण का उद्देश्य प्राप्त करना है। 
        3. शिक्षा  प्रभाग अपने संबंधित क्षेत्रों में निम्नलिखित कृत्य करता है।
        
          -               क्षेत्रीय और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर के लिए दीर्घकालीन, मध्यम अवधि वाली और  वार्षिक योजनाएं तैयार करना। इनमें वे क्रम निरधारित किए जाते हैं जिनमें उन्हें  पूरा किया जाना है और उनकी परस्पर प्राथमिकताएं और संसाधन आवंटन का निर्धारण भी  किया जाता है, 
- राष्ट्रीय  केंद्रीय एजेंसियों जैसे विश्व    विद्यालय अनुदान आयोग तथा राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद तथा    राष्ट्रीय शिक्षा योजना सहित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों, की शिक्षा योजनाओं के    बीच और साथ ही अन्य सेक्टरों की विकास योजनाओं के बीच समल्वय स्थापित करना,    योजना नीतियों का मूल्यांकन और आवश्यकतानुसार समयोजन के बारे में बताना और    प्राथमिकताएं बताना ताकि राष्ट्रीय लक्ष्यों और उद्देश्यों की प्राप्ति हो सके। 
-  उपरोक्त कृत्य के  समर्थन में शैक्षिक सांख्यिकी का अनुरक्षण और (क) आंकडे तैयार करने, जुटाने,  क्रमबद्ध करने और उनका विस्लेषण तथा संबधित जानकारी (ख) कार्यक्रम मूल्यांकन एवं  पूर्वानुमान के लिए अनुसंधान अध्ययन और सर्वेक्षण को प्रोत्साहन/समर्थन और (ग)  शिक्षा के क्षेत्र में वैकल्पिक और/या अनुपूरक उपाय और नई नीति के लिए पहल करना। 
 
-   निम्नलिखित मामलों में संबंधित सरकारी विभागों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों तता अन्य  एजेंसियों जैसे एनयूईपीए, एनसीईआरटी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के साथ सहयोग,  सलाह/सहायता करना, 
 क) शिक्षा विकास हेतु विदेशी  तकनीकी सहायता
 ख) शिक्षा योजना में लगे  व्यक्तियों को प्रशिक्षण
 ग) शिक्षा सेवाओं में निम्नव्ययता,    कुशलता और प्रभाविकता लाने हेतु प्रशासनिक सुधार, नई पहल और प्रयोग करना
-  संसाधन जुटान संबंधी जांच करनाऔर कम लागत की  रणनीति/विकल्प देखना और उनके बारे में सिफारिशें करना 
 
-  समितियों और  आयोगी, केंद्रीय सलाहकार बोर्डों तथा वार्षिक/पंच वर्षीय योजना की समीक्षा 
-     प्रभाग के तकनीकी कर्मचारी भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय और संख्यिकी विभाग तथा    अन्य एजेंसियों से प्राप्त शैक्षिक सांख्यिकी की जांच के कार्य में लगे हुए हैं। 
कला और  संस्कृति
          शिक्षा प्रभाग का प्रमुख कार्य देश    की स्मद्ध सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखना और उसे प्रोत्साहित करने के लिए    योजनाएं और कार्यक्रम तैयार करने हेतु समग्र निति और दिशा निर्देश प्रदान करना    है। ये संस्कृति मंत्रालय की योजनाएं/कार्यक्रम हैं जिसकी मुख्य गतिविधियां हैं,    पुरातत्वीय खुदाई, दृश्य और साहित्यककलाओं को प्रोत्साहन, सामग्री और गैर    सामग्री विरासत का अनुरक्षण, संग्राहलयों, पुस्तकालयों और संस्थाओं का    विकास/अनेक संस्थान देश की समद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रोत्साहन , अनुरक्षण और    फैलाने के कार्य में सक्रिय सहयोग दे रहे हैं ।
          युवा कार्यक्रम  और खेल 
          शिक्षा प्रभाग युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की समग्र योजना और नीतियों की  भी देख-रेख करता है। यह मंत्रालय युवा ऊर्जा को निर्माण कार्यों में लगाने और  उनमें बढ़िया  और देशभक्ति के गुण पैदा करने  हेतु उपाय करता है। इन कार्यक्रमों में युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण द्वारा  आवश्यक कार्यकुशलता मं वृद्धि और उसे उन्नत करन पर जोर दिया जाता है और उनके लिए  रोजगार के अवसर भी पैदा किए जाते हैं। युवाओं को राष्ट्र निर्माण कार्यों मेंल  गाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में खेल-कूद अच्छे  खिलाड़ियों का पता लगाने और खेल-कूद के लिए ढांचे तैयार करने संबंधी मामलों को भी  प्रभाग देखता है।