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स्वास्थ्य, पोषण और परिवार कल्याण
योजनाओं के माध्यम से
पंच वर्षीय योजनाएं: >पहली > दूसरी > तीसरी > चौथी > पांचवी > छठी > सातवीं > आठवी > नौवीं > दसवीं > ग्यारहवीं
यह प्रभाग निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य करता है:
- निम्नलिखित से संबंधित नीति और रणनीति तैयार करना:
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण
- आयूष
- जन संख्या के पौष्टिक स्तर में सुधार के लिए पहल
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए फ्लैगशिप कार्यक्रम
- इनमें से प्रत्येक क्षेत्र के लिए अल्पकालिक, माध्यमिक और दीर्घकालीन भावी लक्ष्य निर्धारित करना,
- स्वास्थ्य सेक्टर में बदलती प्रवृत्ति जैसे एपीशेमीओलोजीकल, जन्म-मृत्यु गणनी, सामाजिक और प्रबंधकीय चुनौतियों पर निगरानी
- राज्यों तथा केंद्रीय सेक्टर दोनों में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी वर्तमान नीतिययों, रणनीतियों और कार्यक्रमों की जांच और उचित रूप भेद/माध्यवधि में त्रुटियां दूर करने के सुझाव देना,
- कुशलता विकास और सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने हेतु ढंग सुझाना
- जनसंख्या के स्वास्थ्य में सुधार के लिए आवश्यक बुनियादी, क्लिनीकल और परिचालन अनुसंधान के संबंध में प्राथमिकताएं निर्धारित करना।
- अंतर सेक्टर मामलों की जांच करके सेवाओं की उत्कृष्टता के लिए उपयुक्त नीतियां और रणनीतियां तैयार ताकि चालू कार्यक्रमों का अधिक से अधिक लाभ जनसंख्या को मिल सके।
निम्नलिखित मामलों में यह प्रभाग योजना आयोग का प्रतिनिधित्व करता है:
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की विभिन्न समितियां
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संबंधित ईएफसी/एसएफसी
- स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और पोषण के संबंध में योजनाओं और कार्यक्रम में प्राथमिकताएं और लक्ष्य निर्धारित करने, अपेक्षित मानव तथा सामग्री संसाधन, प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने, स्वास्थ्य सेवाओं में निर्माण और उपकरणों का स्तर और स्वास्थ्य अनुसंधान विकास आदि के बारे में योजना आयोग को सलाह देने के लिए विशेषज्ञ पैनलों का गठन.
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान, भारत की लोक स्वास्थ्य फाउंडेशन आदि के लिए वैज्ञानिक सलाहकार दल आदि।