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समाज कल्याण
योजनाओं के माध्यम से
पंच वर्षीय योजनाएं: >पहली > दूसरी > तीसरी > चौथी > पांचवी > छठी > सातवीं > आठवी > नौवीं > दसवीं > ग्यारहवीं
समाज कल्याण प्रभाग दो सेक्टरों का कार्य संभालता है; (एक) समाज कल्याण, और (दो) महिला औ बाल विकास। समाज कल्याण सेक्टर विकलांग, सामाजिक रुप से असामान्य तथा अन्य साधनहीन व्यक्तियों के कल्याण, पुनर्वास और विकास का कार्य संकेंद्रित सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के साथ समन्वय से करता है, और महिला एवं बाल विकास सेक्टर संकेंद्रीत महिला एवं विकास निकट समन्वय के साथ महिला सशक्तिकरण और बाल विकास का कार्य संभालता है। प्रभाग के प्रमुख कृत्यों में अन्य बातों के साथ-साथ ये भी शामिल हैं:
समाज कल्याण
- समाज कल्याण क्षेत्र में सरकारी (केंद्रीय तथा राज्य स्तरों पर) तथा गैर-सरकारी संगठनों को समग्र मार्ग निर्देश /सलाह देना
- पंच वर्षीय और वार्षिक योजनाओं से संबंधित कार्य (समाज कल्याण)
क) केंद्रीय सेक्टर
- मंत्राल स्तर पर कार्यकारी दल की स्थापना और संकेंद्रित मंत्रालय के साथ समन्वय
- योजना आयोग में संचालन समितियों की स्थापना और उनसे संबंधित कार्य जैसे बैठकें आयोजित करना, बैठकों की पृष्ठभूमि/कार्य सूची/कार्यवाही सारांश तैयार करना, कर्णधार समिति की रिपोर्टें, योजना दस्तावेज में शामिल करने हेतु दृष्टिकोण पत्र तथा संबद्ध अध्याय तैयार करना;
- योजना प्रस्तावों (पंच वर्षीय और वार्षिक योजनाएं) की जांच, मंत्रालय के साथ प्राथमिक चर्चाएं, केंद्रीय कार्य दलों, परिव्यय सिफारिशों और बजट पुनर्विनियोग मामलों के बारे में योजना आयोग प्रक्रम और मंत्रालय के बीच समन्वय रखना;
ख) राज्य सेक्टर
- योजना प्रस्तावों की जांच; वास्तविक और वित्तीय लक्ष्यों/उपलब्धियों, सेक्टरवार परिव्यय की सिफारिशों सहित नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यन्वयन की समीक्षा के बारे में राज्य सेक्टर कार्य दलों की चर्चाए आयोजित करना;
- मध्यावधि मूल्यांकन
- नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा
- लक्ष्यों (वास्तविक और वित्तीय दोनों) के संबंध में उपलब्धियों की समीक्षा
- मध्यावधि में त्रुटियों को दूर करने हेतु सुझाव
- मंत्रिमंडल टिप्पणों (दो) ईएफसी ज्ञापनों, (तीन) एसएफसी ज्ञपानों की जांच और संक्षेप तैयार करना और उन पर टिप्पणयां करन। इसके अतिरिक्त ईएफसी/एसएफसी की बैठकों में भाग लेना;
- अधीनस्थ/संबद्ध संगठनों जैसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेड़िकेपड़, कलकत्ता, (एनआईओएच), राष्ट्रीय दृष्टिबाधित विकलांग संस्थान, देहरादून (एनआईवीएच), नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हीयरिंग हैंडीकैप्ट (राष्ट्रीय श्रवण बाधित विकलांग संस्थान) (एनआईएचएच) मुम्बई, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मैंटली हैंडीकैप्ड (राष्ट्रीय मानसिक रोग विकलांग संस्थान) (एनआईएमएच) सिकंदराबाद, राष्ट्रीय पुनर्वास, प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान, कटक; शारीरिक रूप से विकलांग संस्थान (आईपीएच), नई दिल्ली; भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) नई दिल्ली; राष्ट्रीय विकलांग वित्त और विकास निगम, (एनएचएफडीसी) नई दिल्ली, कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एएलआईएमसीओ) कानपुर और राष्ट्रीय आत्म रक्षा संस्थान (एनआईएसडी), नई दिल्ली के लिए सलाहकार की भूमिका,
- मंत्रालय द्वारा समय-समय पर स्थापित की जाने वाली अंतर मंत्रालय/विभाग समन्वय समितियां; विशेषज्ञ समितियां; परियोजना मंजूरी समितियां/विशेष समितियां/अध्ययन दल आदि की बैठकों में योजना आयोग का प्रतिनिधित्व करना;
- सभी संसदीय मामले, अर्थात प्रश्नों के उत्तर तैयार करना जिससे योजना आयोग के भीतर और बाहर सामग्रीय आपूर्ति भी शामिल हैं;
- योजना आयोग में संबद्ध प्रभागों के बीच समन्वय
- विशेष पहल जैसे (एक) नीति उन्मुख पत्र तैयार करना (दो) सांख्यिकी प्रोफाइल तैयार करना तथा अन्य प्रकाशन, (तीन) जानकारी/आंकडे आधार विकसित करना।
- समाज कल्याण के बारे में भाषण तैयार करने और लेख लिखने सहित कोई अन्य कार्य
महिला एवं बाल विकास
महिला एवं बाल विकास प्रभाग (एक) महिला सशक्तिकरण और; (दो) बाल विकास से संबंधित सभी कार्य संकेंद्रित महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ निकट समन्वय रख कर संभालता है। अन्य बातों के साथ-साथ प्रभाग के मुख्य कृत्यों में ये शामिल हैं:
- महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों (केंद्रीय और राज्य स्तर) दोनों के समग्र नीति निर्देश/सलाह देना,
- पंच वर्षीय और वार्षिक योजनाओं संबंधी कार्य
क) केंद्रीय सेक्टर
- मंत्रालय स्तर पर कार्य दलों की स्थापना और संकेंद्रीत विभाग के साथ समन्वय
- योजना आयोग में कर्णधार समितियों की स्थापना और उनसे संबंधित कार्य जैसे बैठकें आयोजित करना, बैठकों की पृष्ठभूमि/कार्य सूची/कार्यवाही सारांश तैयार करना, कर्णधार समिति रिपोर्ट तैयार करना, और योजना दस्तावेज में शामिल करने हेतु दृष्टिकोण पत्र एवं संबद्ध अध्याय तैयार करना,
- योजना प्रस्तावों (पंच वर्षीय और वार्षिक योजनाएं) की जांच, मंत्रालय के साथ प्राथमिक चर्चाएं, केंद्रीय कार्य दलों, परिव्यय सिफारिशों और बजट पुनर्विनियोग मामलों के बारे में योजना आयोग और मंत्रालय के बीच समन्वय रखना।
ख) राज्य सेक्टर
- योजना प्रस्तावों की जांच, वास्तविक और वित्तीय लक्ष्यों/उपलब्धियों, सेक्टर-वार परिव्यय की सिफारिशों सहित नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यन्वयन की समीक्षा के बारे में राज्य सेक्टर कार्य दलों की चर्चाएं आयोजित करना;
- मध्यावधि मूल्यांकन
- नितियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा
- लक्ष्यों (वास्तविक और वित्तीय दोनों) के संबंध में उपलब्धियों की समीक्षा
- मध्यावधि में त्रुटियों को दूर करने हेतु सुझाव
- महिला एवं बाल विकास संबंधी स्कीमों के बारे में (i) मंत्रीमंडल टिप्पणों (ii) ईएफसी ज्ञापनों (iii) एमएफसी ज्ञापनों की जांच और संक्षेप तैयार करना और उन पर टिप्पणियां तैयार करना। इसके अतिरिक्त ईएफसी/एसएफसी, की बैठकों में भाग लेना नई दिल्ली; राष्ट्रीय जन सहयोग और बाल विकास संस्थान; नई दिल्ली, राष्ट्रीय महिला कोष, नई दिल्ली के लिए सलाहकार की भूमिका;
- विभाग द्वारा समय-समय पर स्थापित की गई संसदीय समितियों, अंतर मंत्रालय/विभाग समितियों, विशेषज्ञ समितियों, विषय पर कार्य बल, परियोजना मंजूरी समितियां, विशेष समितियों, अध्ययन दलों आदि शासकीय बोर्ड और अधीनस्थ संगठनों की सामान्य निकाय बैठकों में योजना आयोग का प्रतिनिधित्व करना।
- सभी संसदीय मामले अर्थात प्रश्नों के उत्तर, योजना आयोग के भीतर और बाहर सामग्री आपूर्ति
- महिला एवं बाल संबंधित मंत्रालयों/विभागों (दो) योजना आयोग के अंदर विषय प्रभागों (तीन) संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय ऐजंसियों के साथ समन्वय
- विशेष पहल करना जैसे (एक) नीति उन्मुख पत्र तैयार करना (दो) सांख्यिकी प्रोफाइल एवं अन्य प्रकाशन (तीन) जानकारी/आंकडे आधार विकसित करना
- महिला एवं बाल विकास से संबंधित मामलों के बारे में भाषण तैयार करना और लेख लिखने सहित अन्य कोई भी कार्य।