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This File was last Updated/Modified: November 05 2014 06:37:29.

वित्तीय संसाधन प्रभाग

योजनाओं के माध्यम से
पंचवर्षीय योजनाएं : First Second Third Fourth Fifth Sixth Seventh Eighth Ninth Tenth Eleventh

 

1. वित्तीय संसाधन डिविजन का मुख्य कार्य किसी दिए समय में अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता का निर्माण करने के लिए सरकारी क्षेत्र के पास उपलब्ध वित्तीय संसाधनों का अनुमान लगाना है, ऐसे संसाधनों को सकल योजना संसाधन कहा जाता है जिसका वित्तीय संसाधन डिविजन केंद्र, राज्यों और विधान मंडलों वाली संध राज्य क्षेत्रों की सरकारों के लिए अनुमान लगाता है, सकल योजना संसाधनों के बारे में जानकारी उत्पादन करी क्षमता को सीधे विकसित करने में सरकारी क्षेत्र की क्षमता को बताता है, इसके बिना उत्पादनकारी क्षमता के सम्भावित आकार को बनाने में निजी क्षेत्र से अपेक्षित आवश्यक समर्थन को नहीं बताया जा सकता।

2. जबकि सकल योजना संसाधनों का आकार उत्पादनकारी क्षमता को बनाने में सरकारी क्षेत्र की क्षमता को बताता है, वित्त पोषण में उसके स्त्रोंतों का इस क्षमता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, तदनुसार वित्तीय संसाधन डिविजन एक फोर्मेट में जिसे वित्त पोषण की स्कीम , जो वार्षिक अथवा पंचवर्षीय योजना होती है, जैसा कि मामला है, सकल योजना संसाधन के आकार और रचना दोनों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, वित्त पोषण कि स्कीम बनाने के लिए आवश्यक जानकारी सम्बन्धित स्र्कयों के साथ वित्तीय संसाधन डिविजन की आवधिक वार्ता से मिलती है।

3. इनमें से कुछ जानकारी सामग्रियों में कर और गैर-कर राजस्व का सम्भावित स्तर बढ़ाने की लिए नीतिगत उपाय दिए होते है, जिसमे शामिल है- ऋण लेने को सिमित करना ताकि तिन पर ब्याज का भर वहनीय स्तर पर बना रह सके, पूंजीगत परिसम्पत्तियों के रख रखाव और सामाजिक सुरक्षा स्कीमों के लिए स्थापना और प्रशासनिक व्यय को सिमित करना और उपक्रमों को वाणिज्यिक सरकारी क्षेत्र के बजटीय समर्थन में कमी करना है।

4. राज्य सरकारों के लिए वित्त योजना में शामिल है केन्द्रीय सहायता जिसमे वित्तीय संसाधन डिविजन द्वारा विशेष रूप से चलाए जा रहे गाडगिल - मुखर्जी फार्मूला के आधार पर सामान्य केन्द्रीय सहायता मिलती है, यह फार्मूला आर्थिक रूप से पिछडे राज्यों और वित्तीय और सामाजिक उद्देश्यों के विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने में उनके कार्य निष्पादन को यथोचित ध्यान में रखता है वित्तीय संसाधन डिविजन नियंत्रित रूप से फार्मूला में अच्छी तरह से शोध किए गए संशोधनों को राष्ट्रिय विकास परिषद के विचार के लिए रखता है।

5. राज्य सरकारों के सकल योजना संसाधनों का वित्तीय रूप से सुदरिढ़ स्तर प्राप्त करने के लिए वित्तीय संसाधन डिविजन के प्रयासों को योजना - वित्त - I, व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय से सहायता मिलती है ! वित्तीय संसाधन डिविजन के प्रयासों को विशेषज्ञ की राय भी मिलती है जो डिविजन योजना आयोग से बाहर से प्राप्त करता है ! जबकि वित्त आयोग की नियमित रिपोर्टें महत्वपूर्ण सामग्री के रूप में सहायता करती है, संचालन समिति और पंचवर्षीय योजनाओं के सन्दर्भ में योजना आयोग द्वारा गठित वित्तीय संसाधनों पर कार्यकारी ग्रुप का योगदान भी कम महत्वपूर्ण नहीं है ! वित्तीय संसाधन डिविजन के अधिकारी ऐसी समितियों और कार्यकारी ग्रुपों के विचार-विमर्श में सक्रियता से भाग लेते हैं और राज्य और क्षेत्रक विशिष्ट मुद्दों पर अपना अनुभव बताते हैं ! इसके अतिरिक्त वित्तीय संसाधन डिविजन विशिष्ट अध्ययन भी करता है ! एनी बातों के साथ-साथ इन अध्ययनों में राज्यों के वित्त, बजट-आधारित सरकारी सब्सिडी, सरकारी क्षेत्र के एककों का सुधार, वित्तीय लक्ष्य भेदिता, प्रत्यक्ष कर की अनुपालन लागत आदि भी शामिल है।

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